भारतीय अर्थव्यवस्था की नाक समझा जाने वाला ऑटो सेक्टर अभी तक के सबसे बुरे दौर में पहुंच गया है। हर तरह की गाड़ियों की बिक्री में गिरावट जारी है। लगातार आठवें महीने आंकड़े ऐसे ही आए हैं। पैसेंजर गाड़ियों में इस साल जुलाई तक 19 साल में सबसे बड़ी गिरावट दिखी है। पिछली जुलाई की तुलना में इस साल जुलाई में कारों की बिक्री 35.95 फीसदी गिरी है, जबकि कमर्शल गाड़ियों की बिक्री 37.48 फीसदी नीचे आई है।
यात्री वाहनों की बिक्री 30.98 पर्सेंट घटी है जिसमें दोपहिया वाहनों की बिक्री में 16.82 फीसदी की कमी आई है। गाड़ियां कम बिकने की मार इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों पर पड़ रही है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार करीब साढ़े तीन लाख अस्थायी और कैजुअल नौकरियां जा चुकी हैं और दस लाख लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। कंपनियों की तरफ से डीलरों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे नई गाड़ियां रखना शुरू करें। लेकिन डीलरों के पास तीन से चार महीने तक बिकने भर को गाड़ियों का स्टॉक पहले से मौजूद है। ऐसे में वे नई गाड़ियां उठाने का जोखिम नहीं लेना चाहते।
हर डीलरशिप के पास में दो-तीन महीने की इनवेंट्री पड़ी है, जिससे डीलर्स का गोदाम और मेंटनेंस खर्च बढ़ता जा रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पिछले कुछ महीनों में 300 डीलरशिप बंद हो चुकी हैं और इतनी ही बंद होने के कगार पर हैं। काफी समय से दुनिया का चलन ऑटोमोबाइल सेक्टर से किसी इकॉनमी की सेहत आंकने का है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने कुछ साल पहले तक ठीकठाक गति दिखाई तो इसका काफी श्रेय ऑटो सेक्टर को जाता है। लेकिन इस क्षेत्र की पतली हालत यह बता रही है कि हमारी इकॉनमी में सब कुछ ठीक नहीं है। क्या यह माना जाए कि ऑटोमोबाइल के सबसे बड़े उपभोक्ता मध्य वर्ग की परचेजिंग पावर कम हुई है? या फिर गाड़ियों में उसकी रुचि घट गई है? आर्थिक नजरिए से हटकर देखें तो गाड़ियों की बिक्री घटने से कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा। लोग अपनी गाड़ियों के बजाय बस और मेट्रो से चल रहे हों तो यह अच्छी बात है।
पर्यावरण की दृष्टि से वे कारों से दूरी बनाएं तो यह स्वागत योग्य है। वैसे भी ऑटोमोबाइल सेक्टर को एक न एक दिन सैचुरेशन पॉइंट पर आना ही है। लेकिन इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की रोजी-रोटी के लिए जरूर सोचना होगा। अर्थव्यवस्था में ऐसी गुंजाइश पैदा करनी होगी कि उनको जल्दी नए काम मिल सकें।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.