नोएडा। देश का सबसे बड़ा हेलीपोर्ट नोएडा सेक्टर-151ए में बनने जा रहा है, जिसका रास्ता साफ हो गया है। निर्माण के लिए एक कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण में आवेदन कर दिया है। जिसकी तकनीकी बिड खोलने के लिए शासन से मंजूरी मांगी गई है। मंजूरी मिलने के बाद फाइनेंशियल बिड को खोल निर्माण की जिम्मेदारी कंपनी को सौंप दी जाएगी।
बता दें कि हाल ही नोएडा प्राधिकरण को पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप (पीपीपी) माडल पर तैयार होने वाली परियोजनाओं के लिए सिंगल बिडर को कंसीडर करने की अनुमति शासन ने प्रदान की है। इसी माडल पर हेलीपोर्ट का निर्माण नोएडा में किया जा रहा है। जेवर में बनने वाले नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के बाद यह प्रदेश के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी, जहां पर देश का सबसे बड़ा हेलीकाप्टर (26 सीटर एमआइ 172) उड़ान भर सकेगा।
वर्क सर्किल दस वरिष्ठ प्रबंधक केबी सिंह ने बताया कि इस योजना के साथ हेलीपोर्ट का ग्लोबल टेंडर जारी किया गया था, जिसके लिए नोएडा प्राधिकरण की 206 वीं बोर्ड बैठक तीन बदलाव के साथ ग्लोबल टेंडर जारी करने का प्रस्ताव पास किया गया है। इस बार एनआइटी (नोटिस इनवाइटिंग टेंडर) में थोड़ा संशोधन किया गया है। इसमें तीन सुझाव को अमल में लाया गया है। पहला हेलीपोर्ट के निर्माण के बाद उसे चालू करने के लिए एक साल का समय निर्धारित किया गया।
3 साल का दिया गया था समय
हैंगर बनाने के लिए तीन साल का समय दिया गया। मोरटोरियम के लिए एक साल और संचालन के समय 30 साल का किया गया है। योजना को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के आधार पर संचालित होने वाली योजना में किराये बांड के हिसाब से नोएडा प्राधिकरण पैसा लेगा। ऐसा पहली बार होगा। इससे पहले जारी किए गए टेंडर में एक कंपनी आइ थी लेकिन फाइनेंशियल बिड में डिस्क्वालिफाई कर दी गई लेकिन इस बार हवाई सेवा से जुड़ी 18 कंपनियों की ओर से जो सुझाव को आए है, उसे टेंडर नियम शर्त में शामिल किया गया।
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