ओएसडी विशु राजा के लिए अधिसूचित एरिया में हो रहे अवैध निर्माण को रोकना और अधिकारी ठेकेदारों का गठजोड़ तोड़ना बड़ी चुनौती

ग्रेटर नोएडा। कपिल तोंगड़

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पिछले काफी महीनों से जीएम प्रोजेक्ट का पद खाली था। जिसके चलते कुछ कार्य रुक से गए थे। अब हाल ही में पीसीएस (ओएसडी) विशु राजा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में जीएम प्रोजेक्ट का पद संभाला है और कामकाज शुरू कर दिया है। विशु राजा की छवि ईमानदार और कर्मठ अधिकारी की है ग्रेटर नोएडा में कुछ समस्याएं बाहें फैलाए खड़ी है। जिनमें सबसे बड़ी समस्या है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में हो रहे अवैध कॉलोनियों के निर्माण और ठेकेदारों द्वारा बेहद खराब गुणवत्ता में किए जा रहे कार्य महत्वपूर्ण है

हर तरफ अवैध कालोनियों की भरमार

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में जिन गावों में अधिग्रहण नहीं हो पाया है वहां पर अवैध कॉलोनी मकड़जाल की तरह बस चुका है। जिनमें गरीब और भोली भाली जनता को ठगा जा रहा है। प्राधिकरण के अधिकारियों पर भी समय-समय पर यह आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने कॉलोनाइजरो को अवैध कॉलोनी बनाने का भरपूर समय दिया या एक कदम आगे बढ़कर कहें उन्हीं के संरक्षण में अवैध निर्माण हुआ है। तिलपता, खोदना, श्योराजपुर, कैलाशपुर, खेड़ी, भनौता, सुनपुरा, सैनी, वैदपुरा, सादुल्लापुर, बिसरख, रोजा, जलालपुर, मिलक और भी अनेकों गांव में कॉलोनाइजरओ ने जमकर अवैध निर्माण किया और भोली भाली जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाकर के खूब लूटा है। पिछले कुछ समय से अवैध निर्माण पर कार्यवाही थम सी गई है। अब देखना होगा नए जीएम प्रोजेक्ट क्या करते हैं।

ठेकेदारों की लूट

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ठेकेदारों पर गुणवत्तापूर्ण कार्य न करने के आरोप समय-समय पर लगते रहे हैं। मनमाने तरीके से कार्य करते हैं और कहा जाता है कि अधिकारियों को ज्यादा हिस्सा देना पड़ता है। इसलिए हम गुणवत्तापूर्ण कार्य कैसे करें। अधिकारी और ठेकेदारों का जो गठजोड़ मजबूत हो चुका है उस पर ओएसडी विष्णु राजा कैसे प्रहार करते हैं यह तो समय ही बताएगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रोजेक्ट के अधिकारियों की कार्यप्रणाली बहुत धीमी हो गई है और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आते हैं जिससे आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ग्रामीण विकास पर भी कार्य योजना बनाकर काम करना होगा। अपने डिपार्टमेंट के अधिकारियों की समय-समय पर मॉनिटरिंग करनी पड़ेगी। उनके कार्य करने की रफ्तार को बढ़ाना होगा। डिपार्टमेंट पर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों निपटना भी एक बड़ी चुनौती होगी।

Related posts

Leave a Comment