Greater Noida Authority: ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) में हुए एक बड़े भूमि आवंटन घोटाले पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। इस घोटाले में बिना भूमि अधिग्रहण के करीब 8000 वर्ग मीटर जमीन को गलत तरीके से पांच लोगों को आवंटित कर दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन महाप्रबंधक आर.के. देव, प्रबंधक कमलेश मणि चौधरी और वरिष्ठ ड्राफ्ट्समैन सुरेश कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
Greater Noida Authority: इस तरह हुए घोटाले का शिकार
यह घोटाला सेक्टर-2 स्थित खसरा संख्या 1245 से जुड़ा है, जहां कुल 9,600 वर्ग मीटर जमीन में से केवल 1,600 वर्ग मीटर GNIDA के कब्जे में थी। इसके बावजूद बाकी की 8,000 वर्ग मीटर गैर-अधिग्रहीत जमीन भी लीज के जरिए पांच लोगों को आवंटित कर दी गई। बताया जा रहा है कि वर्ष 2023 में एक आवासीय योजना के तहत इस भूमि की नीलामी हुई थी और सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले लोगों को प्लॉट दे दिए गए थे। जमीन पर कब्जा न मिलने से आवंटियों ने अदालत का रुख किया और कोर्ट ने GNIDA अधिकारियों की जांच के आदेश दिए।
प्राधिकरण के 11 अधिकारी पाए गए दोषी
जांच के दौरान Greater Noida Authority के 11 अधिकारियों को दोषी पाया गया, जिनमें से तीन की भूमिका को ‘गंभीर’ मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि बाकी आठ अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला वर्ष 2008 से जुड़ा है, जब पतवारी गांव की जमीन को अधिग्रहण योजना LOP-03 के तहत लिया गया था, लेकिन सही तरीके से अधिग्रहण न होने के कारण यह भ्रष्टाचार सामने आया।
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