ग्रेटर नोएडा के गांवों की असली तस्वीर, अब आपकी आवाज़ बनेगी हमारी सीरीज़

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ग्रेटर नोएडा को आज देश के सबसे योजनाबद्ध और तेजी से बढ़ते शहरों में गिना जाता है। चौड़ी सड़कों, हाई-टेक सेक्टरों, इंडस्ट्रियल हब और चमकती-दमकती इमारतों की तस्वीरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं।
लेकिन इस विकास की चकाचौंध के पीछे एक ऐसी सच्चाई भी है जो शायद ही कभी चर्चा में आती है, उन गांवों की सच्चाई, जिनकी जमीन पर यह शहर खड़ा हुआ है। ग्रेटर नोएडा में 124 गांव ऐसे हैं जो GNIDA के नोटिफाइड क्षेत्र में आते हैं। इन गांवों ने अपनी जमीनें देकर शहर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मगर जब विकास और सुविधाओं की बात आती है तो इन गांवों को अक्सर हाशिए पर रखा जाता है।

एक आम धारणा है कि जिन सेक्टरों और औद्योगिक क्षेत्रों को गांवों की जमीन पर बसाया गया, उन्हें अपेक्षाकृत बेहतर सड़कें, जल निकासी, स्ट्रीट लाइट और साफ-सफाई की सुविधाएं दी जाती हैं। जबकि गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई गांवों में सड़कों की हालत बदतर है, नालियों की सफाई समय पर नहीं होती, कूड़ा प्रबंधन अव्यवस्थित है और जलभराव की समस्या हर मानसून में मुंह खोल देती है। ग्रामीण खुद को अपने ही घर में पराया महसूस करने लगे हैं। विकास की गाड़ी उनकी जमीन के ऊपर तो जरूर दौड़ी है, लेकिन उनके आंगन तक नहीं पहुंची।

क्या है इस सीरीज़ का मकसद?
हमारी न्यूज़ वेबसाइट ने अब एक नई सीरीज़ की शुरुआत की है। इस सीरीज़ का उद्देश्य है, ग्रेटर नोएडा के नोटिफाइड गांवों की जमीनी हकीकत को सामने लाना। हम समय-समय पर अलग-अलग गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट लेकर आएंगे और वहां के लोगों की परेशानियों, बुनियादी सुविधाओं की स्थिति, विकास के वादों और हकीकत के बीच के फर्क को उजागर करेंगे।

किन बिंदुओं पर होगी बात?
गांव के लोग किन समस्याओं से जूझ रहे हैं?
GNIDA ने क्या वादे किए थे और आज क्या स्थिति है?
अधिग्रहण के बाद गांवों की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर कैसे बदली?
क्या गांवों की आवाज़ तक पहुंच रहा है विकास?

क्यों जरूरी है ये पहल?
क्योंकि जब तक गांवों की हालत नहीं सुधरेगी, तब तक ग्रेटर नोएडा का विकास अधूरा रहेगा।
शहर की सफलता में गांवों की भूमिका अहम है। जमीन देकर विकास की बुनियाद रखने वालों को भी उसी विकास का बराबरी का हक मिलना चाहिए।

पहला गांव – जल्द आ रहा है!
हम अपनी इस खास सीरीज़ की शुरुआत जल्द ही एक गांव की रिपोर्ट के साथ करेंगे।
अगर आपके गांव में भी कोई समस्या है, तो आप हमें संपर्क कर सकते हैं।
हम आपकी आवाज़ को प्रमुखता से उठाएंगे और जमीनी हकीकत को सबके सामने लाएंगे।

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