ग्रेटर नोएडा में आवारा पशुओं का आतंक, अथॉरिटी की लापरवाही पर सेक्टरवासी नाराज़, जिम्मेदारी कौन लेगा?

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ग्रेटर नोएडा शहर में आवारा पशुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। सेक्टरों के अंदर बड़े-बड़े झुंड खुलेआम घूम रहे हैं। इनसे न सिर्फ गाड़ियों को नुकसान पहुँच रहा है बल्कि आए दिन नागरिक भी चोटिल हो रहे हैं। इसके बावजूद प्राधिकरण की ओर से कोई ठोस कदम उठता नजर नहीं आता। क्या शहर में अथॉरिटी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही हैं?
सेक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त
जब ग्रेटर नोएडा में सेक्टरों का निर्माण हुआ था, तब हर गेट पर कैटल कैचर लगाए गए थे। इनका उद्देश्य था कि आवारा पशु सेक्टरों में प्रवेश न कर सकें। लेकिन मौजूदा हालात यह बताते हैं कि ज्यादातर कैटल कैचर या तो टूट चुके हैं या उनमें मिट्टी भर गई है। यही वजह है कि आवारा पशु बिना रोक-टोक सेक्टरों में घुस आते हैं।
इंजीनियरों की कमी बनी बड़ी चुनौती
जानकारों का कहना है कि प्राधिकरण में इंजीनियरों की भारी कमी है। जिस वजह से शहर की इन छोटी-बड़ी लेकिन बेहद जरूरी व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थिति यह है कि रिटायर अधिकारी ही इन व्यवस्थाओं को संभालने और सुधारने की कमान संभाले हुए हैं, जोकि शहर की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए नाकाफी है। रिटायर अधिकारियों के द्वारा सिर्फ़ अपने कार्य की खानापूर्ति की जा रही है जिन लोगों को सलाह देने के लिए रखा गया था, अब वो साइन की पॉवर आ जाने के बाद अवरोध बन रहे हैं।
नागरिकों में आक्रोश
शहरवासियों का कहना है कि वे लगातार इस समस्या का सामना कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को सेक्टर के अंदर भी सुरक्षित माहौल नहीं मिल पा रहा है। नागरिकों का यह भी आरोप है कि प्राधिकरण के अधिकारी ज़िम्मेदारी से कार्य नहीं कर रहे है, छोटी छोटी ज़मीनी स्तर की समस्याओं की भी अनदेखी की जा रही है। नागरिक अब सवाल उठा रहे हैं कि शहर को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखने की जिम्मेदारी कौन लेगा? जब तक प्राधिकरण ऐसे मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक ग्रेटर नोएडा की तस्वीर में सुधार की उम्मीद करना मुश्किल है।


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