UP School: बिना दूरी और दिक्कत देखे कर दिया स्कूलों का विलय, बच्चों और अभिभावकों में आक्रोश

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UP School: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों के विलय को लेकर भारी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। शासन के आदेश के बाद जिलों में शिक्षा अधिकारियों ने बिना समुचित होमवर्क के स्कूलों का मर्जर कर दिया। रायबरेली, देवरिया, कुशीनगर, कानपुर देहात समेत कई जिलों में स्कूलों को ऐसे स्थानों पर विलय किया गया है, जहां बच्चों को तीन से छह किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। कई मामलों में रास्ते में हाईवे, कीचड़ या रेलवे लाइन पड़ रही है। इससे बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे हैं, और अभिभावक विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।


UP School: देवरिया जिले में 30 स्कूलों के विलय का आदेश वापस 

देवरिया जिले में तो बीएसए ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए 30 स्कूलों के विलय का आदेश वापस ले लिया। वहीं कई जिलों में अब भी मनमानी जारी है। कुशीनगर में 178 स्कूलों के मर्जर के बाद आधे बच्चे भी स्कूल नहीं पहुंचे। इसके चलते अधिकारियों को अब शिक्षकों की ड्यूटी बच्चों को घर से लाने में लगानी पड़ रही है। लखनऊ, बलरामपुर और रायबरेली जैसे जिलों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सीडीओ ने आदेश जारी किए हैं। कई प्रधान और प्रधानाध्यापक भी विलय के खिलाफ UP School बीएसए को पत्र लिख रहे हैं।


सोशल मीडिया पर विरोध हुआ तेज़

स्कूल मर्जर को लेकर सोशल मीडिया पर भी विरोध तेज हो गया है। कई वीडियो वायरल हैं, जिनमें बच्चे पुराने स्कूल खोलने की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री से निर्णय पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं, महानिदेशक कंचन वर्मा का कहना है कि स्कूलों की पेयरिंग सबकी सहमति से की गई है और अधिकतर मर्जर एक किलोमीटर के दायरे में हैं। बावजूद इसके, UP School विलय का ग्राउंड पर वास्तविकता कुछ और ही बयां कर रही है।

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