ग्रेटर नोएडा में बनने जा रहा 8, 000 करोड़ रुपये का लॉजिस्टिक हब, ट्रांसपोर्टेशन और व्यापार को मिलेगी रफ्तार

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उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 8,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने जा रहा लॉजिस्टिक हब ना सिर्फ क्षेत्र के व्यापारिक माहौल को बदलने वाला है, बल्कि देश की सप्लाई चेन को भी मजबूती देगा। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर विकसित किया जाने वाला यह लॉजिस्टिक हब भारत के सबसे आधुनिक और बड़े हब में शामिल होगा। इसके बनने से माल ढुलाई, वेयरहाउसिंग, ट्रांसपोर्टेशन जैसी गतिविधियों में तेज़ी आएगी और हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

क्या है परियोजना की खासियतें
- 8000 करोड़ की लागत: इस प्रोजेक्ट पर 8,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिसे निजी कंपनी के साथ PPP मॉडल पर विकसित किया जाएगा। 45 साल के लिए प्रोजेक्ट का संचालन कंपनी को मिलेगा और इसके लिए ग्लोबल टेंडर प्रकिया शुरू हो चुकी है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर व सुविधाएं: हब में इंडस्ट्रियल टाउनशिप, विशाल वेयरहाउस, रेलवे ट्रैक, ट्रेन यार्ड, मेंटेनेंस शेड, कमर्शियल कांप्लेक्स और रेलवे कंट्रोल टावर जैसी अत्याधुनिक व्यवस्थाएं होंगी।
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से कनेक्टिविटी: यह परियोजना ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के करीब होगी, जिससे सामान की आवाजाही बहुत तेज और सुविधाजनक हो जाएगी।
- रोज़गार और निवेश: प्रोजेक्ट के पूरा होने पर क्षेत्र में हज़ारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, वहीं ट्रांसपोर्ट, होटल, एवं स्थानीय सेवाओं में भी विकास होगा।

प्रदेश व क्षेत्र को लाभ
- ग्रेटर नोएडा के आसपास के ग्रामीण और शहरी इलाकों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- किसानों को अपने उत्पाद का भंडारण, प्रोसेसिंग और पूरे देश में सप्लाई की बेहतर सुविधा मिलेगी।
- युवाओं को नये रोजगार और उद्यमिता के अवसर मिलेंगे।
- संपूर्ण उत्तर भारत को एक सशक्त लॉजिस्टिक नेटवर्क मिलेगा जिससे उद्योगों व व्यापारियों का काम आसान होगा।

सरकार की रणनीति और दृष्टि
यूपी सरकार इस लॉजिस्टिक हब को प्रदेश के औद्योगिक विकास के ‘गेमचेंजर’ के तौर पर देख रही है। इससे इनवेस्टमेंट बढेगा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा और नोएडा को उत्तर भारत का ट्रेडिंग हब बनाने में मदद मिलेगी। अधिकारी व विशेषज्ञ मानते हैं कि यह प्रोजेक्ट न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तर भारत को नई पहचान देगा।

 ग्रेटर नोएडा के लॉजिस्टिक हब को लेकर तैयारियां तेज़ हैं और आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, व्यापार और रोजगार पर दिखेगा। यह प्रोजेक्ट भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।

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