Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में कोडीन सिरप तस्करी का नया जाल! छोटे शहर बने हॉटस्पॉट, FSDA ने बढ़ाई सख्ती
- sakshi choudhary
- 18 Nov, 2025
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में कोडीन सिरप की अवैध तस्करी एक बार फिर सिर उठा रही है, लेकिन इस बार तस्करों की रणनीति बदली हुई है। हालिया जांच में सामने आया है कि नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले कोडीन सिरप का कारोबार महानगरों से खिसककर अब छोटे शहरों और सीमावर्ती जिलों में तेजी से फैल रहा है। लखनऊ, कानपुर, आगरा और वाराणसी से मिले इनपुट्स के आधार पर एफएसडीए ने चेतावनी जारी की है कि यह नेटवर्क दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के रास्ते नेपाल व बांग्लादेश तक सक्रिय है। बड़े शहरों में दबाव बढ़ने के बाद गिरोह अब चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, ललितपुर और चित्रकूट जैसे जिलों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
एफएसडीए की कार्रवाई के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 10 अक्टूबर को लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक गोदाम से सिरप की भारी खेप जब्त की गई, जिसकी सप्लाई लखीमपुर खीरी, महराजगंज और सिद्धार्थनगर तक की जा रही थी। आगरा में भी दिल्ली से लाई गई बड़ी मात्रा पकड़ी गई। वाराणसी और कानपुर में की गई छापेमारी में फर्जी बिलिंग, अवैध भंडारण और विभागीय मिलीभगत के प्रमाण सामने आए। वाराणसी में तो 93 मेडिकल स्टोरों के नाम पर लगभग 84 लाख फेंसीडील सिरप की सप्लाई दिखाई गई, जो करीब 100 करोड़ रुपये की कीमत से जुड़ा कारोबार है। कई मेडिकल स्टोर बंद होने के बावजूद उनके नाम पर बिलिंग जारी रहने से पूरा नेटवर्क और भी संदिग्ध हो गया है।
एफएसडीए आयुक्त डॉ. रौशन जैकब के अनुसार, अब तक 130 दुकानों की जांच की जा चुकी है, 120 नमूने लिए गए हैं और 46 दुकानों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। सीमावर्ती जिलों में विशेष निगरानी टीमों को तैनात कर दिया गया है। विभाग का कहना है कि अवैध डायवर्जन और नशे के लिए सिरप की सप्लाई पर पूर्ण नियंत्रण के लिए राज्यभर में बड़े स्तर पर निगरानी अभियान चलाया जाएगा, ताकि इस खतरनाक कारोबार की जड़ें पूरी तरह खत्म की जा सकें।
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