Allahabad High Court ने कफ सिरप तस्करी मामले में 40 आरोपियों को राहत देने से किया इनकार

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Allahabad High Court ने प्रदेश के चर्चित नशीले कफ सिरप मामले में आरोपियों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल समेत कुल 40 आरोपियों ने यह याचिका दाखिल की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई जारी रहेगी, जिससे सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।


यूपी एसटीएफ की जांच में सामने आया कि 25 हजार रुपये का इनामी शुभम जायसवाल कोडीनयुक्त कफ सिरप की बड़े पैमाने पर तस्करी में शामिल था। पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि शुभम जायसवाल का विशाल और विभोर राणा से व्यावसायिक संबंध था और तीनों मिलकर कफ सिरप की सप्लाई करते थे। फर्जी ई-वे बिल के जरिए वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और आगरा से सिरप बंगाल सहित कई राज्यों में भेजा जाता था। बाद में शुभम ने अपने पिता के नाम पर रांची में दवा कंपनी की सुपर स्टॉकिस्टशिप हासिल कर नेटवर्क को और मजबूत कर लिया।

जांच में यह भी सामने आया कि शुभम ने गाजियाबाद में कोडीन सिरप का गोदाम बनाकर अवैध भंडारण किया था। हिमाचल प्रदेश की फर्म से सिरप मंगाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे आगरा, लखनऊ और वाराणसी तक सप्लाई की जाती थी। वाराणसी से खेप सोनभद्र के रास्ते झारखंड और पश्चिम बंगाल भेजी जाती थी, जहां से सिरप बांग्लादेश और नेपाल तक पहुंचाया जाता था। ड्रग विभाग और जांच एजेंसियां अब पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी हैं।

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