यमुना प्राधिकरण का बड़ा फैसला: पुश्तैनी- गैर पुश्तैनी का भेद खत्म

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ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

यमुना प्राधिकरण ने अपनी बोर्ड बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया है यमुना प्राधिकरण की स्थापना से पहले किसानों को पुश्तैनी का लाभ नहीं दिया गया अब 23 साल बाद ऐसे 800 लोगों को पुश्तैनी किसान की तरह ही भूखंड और मुआवजे का लाभ मिल सकेगा अभी तक पुश्तैनी किसान को मुआवजा भी अधिक दिया जाता था और उनको 7 फ़ीसदी जमीन भी दी जाती थी।
लेकिन प्राधिकरण ने अपनी बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया है की पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी को सामान मुआवजे और भूखंड का मिलेगा।

आबादी भूखंड के विकास शुल्क पर नहीं लगेगा ब्याज

साथ ही यमुना प्राधिकरण ने किसान आबादी के 7 फ़ीसदी भूखंड के विकास शुल्क पर लगने वाले ब्याज से राहत दी है लेकिन अब मूल धनराशि पर लगने वाले ब्याज में सत प्रतिशत छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा 7 के बजाय 10 फ़ीसदी आबादी भूखंड का लाभ दिया जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है।

5 वर्ष से पहले बेच सकेंगे किसान कोटे का प्लॉट

किसानों के लिए प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में 17 फ़ीसदी कोटा निर्धारित होता है मौजूदा नियम के मुताबिक किसान 5 साल तक प्लॉट बेच नहीं सकते इसमें प्राधिकरण ने कुछ राहत दी है अब विशेष परिस्थिति मसलन गंभीर बीमारी और लड़की की शादी के लिए किस 5 साल से पहले भी प्लांट भेज सकेंगे।

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