ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बाबू के बदले जाएं विभाग, वर्षों से एक ही भाग में जमे बाबू भ्रष्टाचार को दे रहे हैं अंजाम

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

प्रदेश सरकार और प्राधिकरण के बड़े-बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार को कम करने के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं और बड़े-बड़े प्लान बनाए जा रहे हैं। लेकिन बाबू पूरी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। आम नागरिकों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की छवि को जो सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं वह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाबू है। भ्रष्टाचार पहले बाबू के स्तर पर ही होता है बाबू ही भ्रष्टाचार की पटकथा लिखता है और बाबू के द्वारा ही लोगों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है। क्योंकि आम नागरिकों का सबसे पहला काम बाबू से ही पड़ता है और यह किसी भी काम को घुमाने में माहिर होते हैं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कई दर्जन ऐसे बाबू है जो पांच साल से भी ज्यादा समय से एक ही भाग में जमे हुए हैं और खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं अधिकारी भी उन्हीं के इशारों पर कार्य करते हैं।

प्राधिकरण के बाबुओं के भी अलग-अलग विभाग में ट्रांसफर किए जाए

अगर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मंशा रखता है तो उसमें सबसे पहला कदम यही उठाना होगा कि बाबू के विभाग बदले जाएं। जिससे कि विभाग में उनका वर्चस्व कायम ना हो सके। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संपत्ति विभाग में सभी बाबू लगभग 5 से 10 वर्षों से इसी विभाग में तैनात हैं और ज्यादातर लोग भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त है और उनकी संपत्तियों की भी जांच की जाए। भ्रष्टाचार के पैसों से इन लोगों ने बेहिसाब संपत्ति इकट्ठे कर ली है

जिस तरह अधिकारियों के ट्रांसफर समय-समय पर होते रहते हैं उसी तरह बाबू के ट्रांसफर भी किए जाए। इनके भी विभाग बदले जाए समय-समय पर ट्रांसफर होने से कार्यों में तेजी आएगी और हर बाबू पॉजिटिव सोच के साथ कार्य करेगा। हर व्यक्ति को हर विभाग में जाने का मौका मिलेगा और विभागों में सालों से चले आ रहे बाबू का वर्चस्व खत्म होगा। ट्रांसफर भ्रष्टाचार को कम करने में सहायक साबित होगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की छवि को भी सुधारने का एक मौका होगा।

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