जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में होगा इन्फ्लूएंजा के मरीजों का इलाज, तैयार किए गए आइसोलेशन वार्ड

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नोएडा। जिले में एच 3 एन 2 इन्फ्लूएंजा का मरीज मिलने पर सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में इलाज किया जाएगा। इसके लिए यहां आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। पूर्व में यहां मंकीपाक्स और कोरोना संक्रमितों के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाती रही है। अस्पताल में ही नमूने लिए जाएंगे।
सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल, सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइ और सेक्टर-24 स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को बुखार, खांसी, जुकाम, नाक बहना, उल्टी-दस्त और मांसपेशियों में टूटने जैसे लक्षण की शिकायत लेकर इलाज के लिए पहुंचे। विभाग का कहना है कि इन्फ्लूएंजा के सब टाइप का मरीज नहीं है। किसी भी मरीज का नमूना नहीं लिया गया है।
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अमित कुमार का कहना है कि आइएलआइ लक्षण ग्रस्त मरीजों की आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। कोविड जांच भी अनिवार्य की गई है। कोविड के नमूने जांचने की व्यवस्था जिले में ही होगी, जबकि वायरस के नमूने मेरठ मेडिकल कालेज की लैब भेजे जाएंगे। जिम्स में जांच जल्द शुरु होगी। वहीं अगर किसी कारणवश यहां जांच नहीं हो पाती है तो नमूने को एनसीडीसी लैब भेजेंगे। अस्पतालों को आक्सीजन और वेंटिलेटर आदि व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त रखने के लिए कहा गया है। सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।
इन्फ्लुएंजा का बच्चों पर हमला
फेलिक्स हास्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा डीके गुप्ता का कहना है कि यह इन्फ्लुएंजा-ए वायरस श्वसन प्रणाली पर हमला करता है। गले को अवरुद्ध कर देता है। खांसी लंबे समय तक ठीक नहीं होती। सूखा कफ आता है। इसमें जुकाम भी होता है, लेकिन नाक नहीं बहती। यह बच्चों को सबसे ज्यादा परेशान करता है। इस सीजन हमेशा इन्फ्लुएंजा वायरस आता है, लेकिन इस बार इसमें म्यूटेशन हुआ है, इसीलिए मरीज सावधान रहे।

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