Justice B.R. Gavai: संविधान ने ही एक पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को प्रधानमंत्री और मुझे सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया

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Justice B.R. Gavai: नई दिल्ली में अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित “डॉ. अंबेडकर प्रथम स्मृति व्याख्यान” में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने कहा। कि देश आज एक ऐसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में है जो पिछड़े वर्ग से आते हैं और गर्व से यह कहते हैं कि उन्हें यह मुकाम भारत के संविधान की वजह से मिला है। Justice B.R. Gavai ने अपने बारे में कहा, “मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैं ऐसे पिता के घर जन्मा जिन्होंने डॉ. अंबेडकर के साथ काम किया और सामाजिक तथा आर्थिक न्याय की लड़ाई में सहभागी रहे। मैं आज इस पद पर हूं तो सिर्फ डॉ. अंबेडकर और संविधान की वजह से।” आइए एक नज़र डालते है पूरी खबर पर। अधिक जानकारी के लिए खबर को अंत तक जरूर पढ़े।

Justice B.R. Gavai : जाने अंबेडकर की सराहना में क्या कहा

उन्होंने डॉ. अंबेडकर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि अंबेडकर ने न केवल अनुसूचित जातियों और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान सभा में प्रवेश किया, बल्कि ऐसा संविधान तैयार किया जो पिछले 75 वर्षों की कसौटी पर खरा उतरा है। Justice B.R. Gavai ने कहा, “देश ने दो अनुसूचित जाति से राष्ट्रपति दिए – के.आर. नारायणन और रामनाथ कोविंद, दो महिला राष्ट्रपति – प्रतिभा पाटिल और द्रौपदी मुर्मू (जो पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति भी हैं), और दो महिला लोकसभा अध्यक्ष – मीरा कुमार और सुमित्रा महाजन दी हैं।”

जाने क्यों याद किया केसवनंद भारती केस को 

बता दे कि Justice B.R. Gavai ने केसवनंद भारती मामले का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला ‘मूलभूत संरचना सिद्धांत’ के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही इसमें राज्य की नीति निदेशक सिद्धांतों को भी उचित महत्व दिया गया। Justice B.R. Gavai ने कहा कि डॉ. अंबेडकर हमेशा एक एकजुट भारत के पक्ष में थे, जो जाति, व्यक्ति या विचारधारा से ऊपर उठकर राष्ट्रहित को प्राथमिकता देता है।

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