Delhi Government: दिल्ली में Rekha Gupta की सरकार ने किया फरिश्ते योजना को बंद! सियासी बवाल तेज

top-news

Delhi Government: दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कई अहम फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। हाल ही में उनकी सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बहुचर्चित ‘फरिश्ते योजना’ को बंद करने का ऐलान किया, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है। यह योजना सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को नजदीकी निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज देने के लिए शुरू की गई थी, जिसका पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाती थी। Rekha Gupta की सरकार ने इस योजना को बंद करने का कारण इसमें पाई गई अनियमितताओं को बताया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि समीक्षा के दौरान कई खामियां सामने आईं, जिससे यह योजना उतनी प्रभावी नहीं दिखी, जितनी प्रचारित की गई थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए नई रणनीति अपनाई जाएगी।

Delhi Government: AAP ने किया विरोध, भाजपा ने दिया जवाब

आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने इसे अमानवीय और जनविरोधी करार दिया और कहा कि इस योजना की मदद से अब तक 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाई जा चुकी है। उन्होंने Rekha Gupta की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पार्टी विपक्ष में थी, तब भी उसने ‘फरिश्ते योजना’ के फंड जारी होने से रोकने की कोशिश की थी और अब Delhi Government में आते ही इसे पूरी तरह खत्म कर दिया गया। दूसरी ओर, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह योजना भ्रष्टाचार का शिकार हो गई थी और निजी अस्पतालों को मनमाने ढंग से भुगतान किया जा रहा था। उन्होंने दावा किया कि इस योजना का फायदा सिर्फ चुनिंदा अस्पतालों को हुआ और सरकारी अस्पतालों की अनदेखी की गई।

जल्द आएगी नई स्वास्थ्य नीति

फरिश्ते योजना 2017 में शुरू की गई थी, जब एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल इलाज मिलना चाहिए। लेकिन अब ‘फरिश्ते योजना’ के बंद होने से सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को निजी अस्पतालों में तुरंत इलाज मिलने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि, Rekha Gupta की सरकार का कहना है कि जल्द ही एक नई स्वास्थ्य नीति लाई जाएगी, जो भ्रष्टाचार मुक्त होगी और जरूरतमंदों तक प्रभावी रूप से लाभ पहुंचाएगी। Delhi Government के इस फैसले पर राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है और इसे लेकर आम जनता में भी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *