Tuberculosis: भारत में टीबी उन्मूलन की चुनौती! लक्ष्य है 2025, लेकिन अब भी लंबा सफर बाकी

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Tuberculosis: भारत सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए यह लक्ष्य अब भी दूर नजर आ रहा है। हालाँकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, टीबी के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 मामले सामने आते थे, जो 2023 में घटकर 195 रह गए हैं। इसके अलावा, नए मामलों में 17.7% की कमी देखी गई है, जो वैश्विक स्तर पर टीबी मामलों में आ रही गिरावट से दोगुनी अधिक है। सरकार द्वारा 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें 347 प्राथमिकता वाले जिलों में छूटे हुए मरीजों की पहचान और इलाज पर जोर दिया जा रहा है।

Tuberculosis: मृत्यु दर में आई है गिरावट 

टीबी उन्मूलन की दिशा में सरकारी प्रयासों के चलते टीबी से होने वाली मृत्यु दर में भी 21% से अधिक की गिरावट आई है। इसके अलावा, टीबी उपचार कवरेज में 32% की वृद्धि हुई है, जिससे अधिक से अधिक मरीजों तक इलाज पहुँचाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के 7,755 ग्राम पंचायतों ने टीबी मुक्त होने का दावा किया है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 17,000 से अधिक पंचायतों में पिछले एक वर्ष में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। दूसरी ओर, तमिलनाडु में हाल ही में किए गए टीबी प्रसार सर्वेक्षण में 39% मरीज सबक्लिनिकल टीबी से ग्रसित पाए गए, जिनमें कोई स्पष्ट लक्षण नहीं थे।

क्या कहती है WHO की रिपोर्ट 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दुनियाभर में 80 लाख से अधिक लोगों में टीबी (Tuberculosis) का पता चला, जो 1995 के बाद सबसे अधिक संख्या है। 2022 में यह आंकड़ा 75 लाख था। वहीं, पिछले वर्ष लगभग 12.5 लाख लोगों की टीबी से मृत्यु हुई। भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए जागरूकता बढ़ाने, शीघ्र निदान और समुचित उपचार की रणनीति अपनाई है, जिससे इस गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।

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