CCL: परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने सीसीएल स्वीकृति में पक्षपात का लगाया आरोप

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CCL: परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) देने में पक्षपात का आरोप लगाया है। शिक्षकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी केवल सिफारिश वाले शिक्षकों की सीसीएल स्वीकृत कर रहे हैं, जबकि अन्य शिक्षकों को बोर्ड परीक्षा का हवाला देकर छुट्टी नहीं दी जा रही है। शिक्षकों का तर्क है कि बोर्ड परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू हो रही हैं, लेकिन उससे पहले भी उनकी सीसीएल आवेदन को अस्वीकार किया जा रहा है, जिससे वे परेशान हैं।

CCL: शिक्षकों ने दी अपनी राय

चारों ब्लॉक के शिक्षकों का कहना है कि उन्हें साल में तीन बार सीसीएल लेने का अधिकार है, फिर भी उन्हें यह सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और अगर दोनों पालियों में ड्यूटी लगती है, तो वे उसे भी करने को तैयार हैं। कई शिक्षकों ने शपथपत्र पर लिखकर अपनी प्रतिबद्धता जताई, इसके बावजूद उनके CCL आवेदन को स्वीकृति नहीं मिल रही है, जिससे उनमें नाराजगी है।

बच्चों का हवाला देते हुए शिक्षको ने कही ये बात 

शिक्षकों का कहना है कि उनके अपने बच्चे भी बोर्ड परीक्षा में बैठ रहे हैं और उनकी देखभाल की जरूरत है। ऐसे में वे अपने अधिकार की छुट्टी लेकर अपने बच्चों के भविष्य को संवारना चाहते हैं। शिक्षकों ने मांग की है कि CCL स्वीकृति में पारदर्शिता लाई जाए और किसी के साथ भेदभाव न किया जाए, ताकि वे अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों और शैक्षिक कर्तव्यों को समान रूप से निभा सकें।

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