Heart Health: देश में हर तीसरी मौत का कारण Heart Disease, रिपोर्ट में आया बड़ा खुलासा

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Heart Health: भारत में Cardiovascular Diseases (CVDs) का खतरा लगातार बढ़ रहा है और यह अब देश में मौतों का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। ताज़ा रिपोर्ट “मृत्यु के कारण: 2021-2023” के आंकड़े बताते हैं कि भारत में होने वाली कुल मौतों में से लगभग 31% का कारण हृदय रोग हैं। पहले जहां इसे उम्रदराज लोगों की बीमारी माना जाता था, वहीं अब युवा और यहां तक कि 20 वर्ष से कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।


विशेषज्ञों का कहना है कि भागदौड़ भरी ज़िंदगी, तनाव, खराब diet, नींद की कमी और junk food ने दिल की सेहत को कमजोर कर दिया है। सोशल मीडिया और न्यूज़ प्लेटफॉर्म्स पर अक्सर यह देखा जाता है कि 30-35 साल के फिट दिखने वाले युवा अचानक heart attack का शिकार हो जाते हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि Non-Communicable Diseases (NCDs) यानी गैर-संचारी रोग, देश में होने वाली कुल मौतों का 56.7% हिस्सा हैं, जबकि communicable diseases और अन्य स्थितियां 23.4% मौतों की वजह बनती हैं।


रिपोर्ट के मुताबिक, Respiratory Infections (9.3%), cancer और neoplasms (6.4%), chronic respiratory diseases (5.7%), digestive diseases (5.3%) और diabetes (3.5%) मौतों के अन्य प्रमुख कारण हैं। वहीं, 15-29 आयु वर्ग में आत्महत्या और चोट पहुंचाने के मामले सबसे आम कारण बने हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर lifestyle habits पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले वर्षों में यह आंकड़े और भी खतरनाक हो सकते हैं।


हृदय रोग विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लोगों को कम उम्र से ही heart health पर ध्यान देना चाहिए। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, smoking और alcohol से दूरी, समय पर नींद और stress management दिल को मजबूत बनाए रखने के लिए बेहद ज़रूरी है। जिन लोगों की family history में heart disease रही है, उन्हें खास सावधानी बरतने की जरूरत है। समय रहते preventive care अपनाना ही देश में बढ़ रही मौतों के इस बड़े कारण से बचने का सबसे बेहतर तरीका है।

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