World heart day: बच्चों में हृदय रोगों का बढ़ता खतरा, नजर अंदाज करना हो सकता है जानलेवा।

नोेएडा। दिव्यांशु ठाकुर 

हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हृदय रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनकी रोकथाम के उपायों को लेकर लोगों को शिक्षित करना है। हृदय रोग दुनिया भर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बन चुके हैं, और यह केवल वयस्कों तक सीमित नहीं है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, बच्चों में भी हृदय रोगों का खतरा बढ़ रहा है।

जन्मजात हृदय रोग: एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या

जन्मजात हृदय संबंधी दोष, जो कि हृदय की संरचना से जुड़ी समस्याओं के कारण होता है, कई बच्चों को प्रभावित कर रहा है। सीडीसी के अनुसार, हृदय रोगों की व्यापकता में समय के साथ वृद्धि हो रही है, और पिछले 10 वर्षों में कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले 2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। यह स्थिति हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने बच्चों को इस गंभीर समस्या से बचा पा रहे हैं?

गर्भावस्था में जोखिम कारक

गर्भावस्था के पहले छह हफ्तों के दौरान, बच्चे का दिल और मुख्य रक्त वाहिकाएं विकसित होती हैं। इस दौरान जीन में बदलाव, दवाओं के दुष्प्रभाव, और पर्यावरणीय कारक जैसे कि मां का धूम्रपान, जन्मजात हृदय दोषों को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान रूबेला संक्रमण और खराब ब्लड शुगर नियंत्रण भी इस जोखिम को बढ़ाते हैं।

बच्चों में हृदय रोग के लक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में हृदय रोगों की पहचान समय पर करना बेहद जरूरी है। कुछ लक्षणों में शामिल हैं:

  • अन्य बच्चों के साथ शारीरिक गतिविधियों में तालमेल न बिठा पाना।
  • खेल खेलने के दौरान जल्दी सांस फूलना।
  • शारीरिक गतिविधि के दौरान पसीना आना।
  • बेहोश होना या सांस लेने में दिक्कत होना।
  • हार्ट बीट का अनियमित रहना।

बढ़ते मोटापे का खतरा

बच्चों में बढ़ते मोटापे, शारीरिक निष्क्रियता, और जंक फूड खाने की आदतें भी हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि, स्वस्थ आहार, और वजन नियंत्रण बेहद आवश्यक हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *