Jagdeep Dhankar: मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूँ....., जगदीप धनकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा इस्तीफा! जाने क्या रही वजह
- sakshi choudhary
- 22 Jul, 2025
Jagdeep Dhankar: भारत के उपराष्ट्र पति जगदीप धनकर ने सोमवार को अपने राषअट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वास्थ का हवाला देते हुए धनकर ने अपना इस्तीफा भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंपा। साथ ही अपने कार्यकाल में सहयोग के चलते राष्ट्रपति, प्रधआनमंत्री को धन्यवाद भई कहा। आइए एक नज़र डालते है क्या जगदीप धनकर के कार्यकाल और देश के उपराष्ट्रपति बनने के उनके सफर पर। तो लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
Jagdeep Dhankar: इस्तीफे में जगदीप धनकर ने लिखी ये बड़ी बात
जानकारी के लिए बता दे कि ये फैसला संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत लिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपने औपचारिक पत्र में उपराष्ट्रपति ने लिखा कि "स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह के पालन हेतु मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूँ। अपने पत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति कृतज्ञ्यता व्यक्त की साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और मंत्री परिषद को धन्यवाद भी किया। Jagdeep Dhankar ने अपने कार्यकाल को भारत के अभूतपूर्व आर्थिक विकास और वैश्विक प्रगति के युग का हिस्सा बताया और कहा कि यह अनुभव उनके लिए गौरवपूर्ण और संतोषजनक रहा है।
इस तरह किया उपराष्ट्रपति बनने तक का सफर
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक‑कानूनी सफर एक सामान्य किसान परिवार से शुरू होकर भारत के उच्चतम संवैधानिक पद तक पहुंचा। वे 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू ज़िले के किठाना गांव में जन्मे और अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव और चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल से पूरी की। साल 1979 में जगदीप धनकर ने राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत शुरू की और 1990 में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित हुए । इसके बाद Jagdeep Dhankar ने राजनीति में जनसंघ और जनता दल के माध्यम से प्रवेश किया और 1989 में झुंझुनू से लोकसभा सदस्य चुने गए और चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री बने। इसके बाद राजस्थान विधानसभा में भी विधायकी की और 2008 में भाजपा में शामिल होकर कानूनी कार्यों के प्रभारी बने। जुलाई 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया गया, जहाँ उनके सक्रिय और विवादित कार्यशैली ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दी। NDA ने उन्हें अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया, वे भारी मतों के अंतर से विजयी हुए और 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
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