Bihar Assembly Election 2025: वोट की चोट के बाद जनता का मूड क्या कहता है, शिक्षा, रोजगार और विकास बने मुख्य मुद्दे

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बिहार में Bihar Assembly Election 2025 के पहले चरण का मतदान खत्म हो गया है, और अब जनता के रुझान साफ़ तौर पर सामने आ रहे हैं। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को और मतगणना 14 नवंबर को होगी। पहले चरण में Deputy CM सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, मंगल पांडे और तेजस्वी यादव जैसे दिग्गजों की किस्मत EVM में कैद हो चुकी है। चुनाव प्रचार के दौरान जहां power-packed speeches और वादों की बौछार हुई, वहीं जनता ने इस बार नेताओं से साफ़ कहा है. “वादे नहीं, विकास चाहिए।”


मुजफ्फरपुर से लेकर हाजीपुर तक वोटरों ने अपने real priorities स्पष्ट कर दी हैं। मुजफ्फरपुर के एक बुजुर्ग ने कहा कि “गरीबों, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य” को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जबकि एक महिला वोटर ने सरकार के अच्छे काम की सराहना की। हाजीपुर में इशरात नामक मुस्लिम महिला ने कहा कि “education system बहुत खराब है, खासकर सरकारी स्कूलों में। रोड सेफ्टी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।” इन प्रतिक्रियाओं से साफ़ है कि जनता अब जाति और धर्म से परे होकर performance-based voting कर रही है।


बेगूसराय, आरा और सारण जैसे जिलों में भी development narrative ही छाया रहा। बेगूसराय के वोटर बोले “जो विकास करेगा, शांति बनाए रखेगा, उसी को वोट देंगे।” वहीं आरा की एक वोटर ने कहा कि “अगर वोट नहीं डालते तो सवाल करने का हक नहीं।” इससे स्पष्ट होता है कि बिहार की जनता अब smart voter बन चुकी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और शांति व्यवस्था इस बार के इलेक्शन के key factors हैं। Bihar voters का यह रुख इस बात का संकेत है कि 2025 का जनादेश सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि “विकास बनाम वादों” की परीक्षा साबित होगा।

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