अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर मिहिर भोज पी०जी०कॉलेज में विचार गोष्ठी।

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दादरी। कपिल कुमार

एम. बी. कॉलेज दादरी के हिंदी विभाग और भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्धन में भौगोलिक स्थिति एक चुनौती रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ एवं अतिथि महोदय का स्वागत डॉ० मनोरमा मिश्रा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ के अंतर्गत द्वीप प्रज्जवलन एवम् छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना का सुमधुर गायन किया गया। उसके बाद अथिति महोदय डॉ० राकेश कुमार राणा सह आचार्य एम०एम०एच० कॉलेज गाजियाबाद को प्रभात यादव ने अंगवस्त्र एवम् पुष्प माला पहना कर स्वागत किया इसी क्रम में प्राचार्य महोदय का स्वागत सतीश भाटी ने पुष्प माला पहना कर किया। तदुपरांत प्राचार्य महोदय डॉ० राजेन्द्र सिंह पवार ने मंच एवम छात्रों को संबोधित किया व छात्रों की सहभागिता, सक्रियता एवम् तत्परता को देखते हुए छात्रों का मनोबल बढ़ाया।

वक्ता के रूप में एम०एम०एच० कॉलेज गाजियाबाद के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० राकेश कुमार राणा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हिंदी एवम् क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण एवम् संवर्धन की चुनौतियां विषय पर बोलते हुए बताया कि कैसे भाषा और समाज एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों का विकास एक दूसरे पर निर्भर करता है। हिंदी भाषा को देखे तो उसके समक्ष भौगोलिक दृष्टि से प्रमुख चुनतियाँ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य अपनी मातृ भाषा पर बल देना है उसको बाजार व रोजगार की भाषा कैसे बनाया जाय। इसका दूसरा उद्देश्य है इसके माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूती प्रदान किया जाय।इसके साथ ही अपनी मातृ भाषा को मजबूत बना कर भारत को सुपर पावर बनाना क्यों की जब भाषा मजबूत होगी तो देश मज़बूत होगा। मातृ भाषा को सीखना व उसमे कार्य करना आसान होता है। अगर देखा जाए तो हमारी मातृ भाषा हिंदी को विस्तार देने में हिंदी सिनेमा, विज्ञापन उद्योग और प्रवासी भारतियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रवासी भारतीयों ने हिंदी को ग्लोबल भाषा बना दिया है। डॉ राणा ने इस बात पर जोर दिया कि हमे हिंदी के साथ – साथ अन्य भाषाओं को भी सीखना चाहिए ये भाषाएं हमें एक मजबूत भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आज पूरे विश्व में भारतीयता एवम् मातृ भाषा हिंदी का बोल बाला है और ये निरंतर बढ़ रहा है ये हमारे लिए अच्छा संकेत है। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रभात यादव ने किया। आयोजक डॉ० मनोरमा मिश्रा, सतीश भाटी, प्रभात यादव, कपिल कसना, कपिल बैसला एवं समस्त महाविद्यालय परिवार रहा।

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