हाइपर सुपर मार्केट की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर की करोड़ों की ठगी, ED ने दर्ज किया मनी लांड्रिग का केस

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नोएडा। हाइपर सुपर मार्केट की फ्रेंचाइजी देकर ठगी करने वाला गिरोह कोरोना से पहले से पहले सक्रिय हुआ था। ठगी के गिरोह में शामिल आरोपितों ने हाइपर मार्ट की फ्रेंचाइजी के अलावा मिडवे कैफे, वेस्टलैंड, साउथ लैंड, डच फ्रस्टर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाकर सैकड़ों लोगों से पैसे ले लिए थे।
गिरोह के सरगना ने 20 से अधिक आइडी अलग-अलग नाम से बना रखी थी। आरोपितों ने फर्जी कंपनियों की वेबसाइट भी बनवाई थी। जिस पर रिटेल स्टोर की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर लोगों से 30 से 50 लाख रुपये तक लेते थे।
करीब 500 लोगों से ठगी
गिरोह ने करीब 500 से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी की है। जब फ्रेंचाइजी नहीं मिलने पर लोगों ने पैसे मांगने शुरू किए तो आरोपितों ने सेक्टर-63 का आफिस बंद कर दिया था। नोएडा में फ्रेंचाइजी देकर ठगी करने वाला गिरोह वर्ष 2019 से 2020 तक सक्रिय था। करीब एक साल में जालसाजों ने पूरे एनसीआर समेत आधे दर्जन से अधिक राज्यों में अपना नेटवर्क फैलाया।
हाइपर सुपर मार्केट की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली नोएडा की वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड, हाइपर सुपर मार्केट कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। निवेशकों के साथ करीब दस करोड़ रुपये से अधिक की में नोएडा पुलिस ने आठ मुकदमे भी दर्ज किए थे।
बिल्डिंग किराए पर ली
लखनऊ स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने नोएडा पुलिस से जानकारी जुटाने के बाद प्रारंभिक जांच की। जिसमें आरोप सही पाए जाने पर कंपनी के निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। गिरोह के सरगना राजेश ने अपने भाई अंकुर व अन्य साथियों के साथ सेक्टर-63 के ई-29 में एक बिल्डिंग किराए पर ली थी। आरोपितों ने हाइपर मार्ट की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगी शुरू कर दी।
अन्य राज्यों में शिकायत
जालसाजों के खिलाफ उत्तरप्रदेश के अलावा कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी शिकायत हो चुकी थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर फटकार लगाते हुए गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, सीबीआई, ईडी और सीरियस फ्राड इंवेस्टीगेशन आफिस को नोटिस जारी किया था।

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