इन 3 बातों में छिपा है 634 करोड़ कमा चुकी ‘ पठान’ की कामयाबी का राज, काम आयी यह रणनीति

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नई दिल्ली। पठान की रिलीज का तीसरा दिन था। बॉक्स ऑफिस के आंकड़े फिल्म की ठोस बुनियाद की ओर इशारा कर रहे थे। शाह रुख ने एक बार फिर अपना लैपटॉप संभाला और ट्विटर पर आस्क सेशन के जरिए फैंस के बीच पहुंच गये। फैंस ने सवाल दागने शुरू किये, किंग खान अपने जवाबों से उन्हें निहाल करते रहे।
इस बीच एक कमेंट पठान की प्रमोशनल स्ट्रेटजी को लेकर भी आया- रिलीज पूर्व घरेलू प्रमोशन और इंटरव्यू के बिना भी पठान इतना दहाड़ रही है। इस कमेंट में प्रशंसा का भाव निहित था, जो शाह रुख खान के फैनडम और स्टारडम के बारे में सोचने को विवश कर रहा था। मगर, इसके जवाब में शाह रुख ने जो कहा, वो पठान के प्रचार के पीछे छिपी सोची-समझी नीति थी। पठान एक्टर ने लिखा-
”मैंने सोचा शेर इंटरव्यू नहीं करते तो इस बार मैं भी नहीं करूंगा। बस जंगल में आकर देख लो।”
यानी शेर को देखना चाहते हो तो जंगल में जाना ही पड़ेगा। उसी तरह पठान देखनी है तो सिनेमाघरों में जाना ही पड़ेगा। अब सवाल यह कि दर्शक पठान देखने क्यों जाए और उसे कैसे मजबूर किया जाए?
जोखिम भरी थी ‘जीरो प्रचार’ की रणनीति
शाह रुख ऐसे सुपरस्टार हैं, जो अपनी फिल्मों के ताबड़तोड़ प्रमोशन के लिए जाने जाते हैं। दिलवाले की रिलीज से पहले आपको याद होगा, किंग खान ने फिल्म के प्रचार के लिए कोई प्लेटफॉर्म नहीं छोड़ा। सोशल मीडिया से लेकर टीवी और दूसरे माध्यमों पर सिर्फ रंग दे तू मोहे गेरुआ ही सुनायी देता था।

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