बालाकोट के बाद भारत-पाकिस्तान ने क्या सीखा? CDS जनरल अनिल चौहान ने किया बड़ा खुलासा, बताया Operation Sindoor का राज

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Airstrike) और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि 2019 पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान को गहरी चोट पहुंची और दोनों देशों ने इससे अलग-अलग सबक सीखे। भारत ने जहां long-range precision weapons और damage assessment की क्षमता पर जोर दिया, वहीं पाकिस्तान ने अपनी air defence system को मजबूत करने पर फोकस किया।


जनरल चौहान ने याद दिलाया कि 2016 में Uri Attack के बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के कैंप तबाह किए थे। इसके बाद 2019 Pulwama Attack के जवाब में भारतीय वायुसेना ने खैबर पख्तूनख्वा में Balakot Strike की। हाल ही में हुए Pahalgam Terror Attack के बाद भारत पहले से ज्यादा बेहतर precision strike capability के साथ तैयार था।


उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के ठिकाने बहावलपुर और मुरिदके (Bahawalpur & Muridke) जैसे इलाकों में मौजूद थे, जिन्हें सिर्फ drone या loitering munition से खत्म करना संभव नहीं था। इसके लिए Air Power का इस्तेमाल जरूरी था। राजनीतिक नेतृत्व से चर्चा के बाद साफ हो गया कि decisive action के लिए fighter jets और precision weapons का उपयोग अनिवार्य था।


CDS चौहान ने खुलासा किया कि Operation Sindoor के दौरान सरकार ने सेना को पूरी छूट दी थी। साफ निर्देश थे कि आतंकियों के ठिकाने तबाह किए जाएं और यदि पाकिस्तान जवाबी हमला करता है, तभी counter action किया जाए। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने भारत की defence strategy और modern warfare capability को नए स्तर पर पहुंचाया।

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