Anurag Kashyap: फिल्म ‘ फुले’ पर विवाद! जातिवाद और सेंसरशिप के मुद्दे उठे

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Anurag Kashyap: निर्देशक अनुराग कश्यप की फिल्म ‘फुले’ हाल ही में विवादों में घिरी हुई है। यह फिल्म भारतीय सामाजिक सुधारक ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने समाज में जातिवाद और असमानता के खिलाफ महत्वपूर्ण योगदान दिया। फिल्म के ट्रेलर के बाद कुछ ब्राह्मण संगठनों ने आरोप लगाया कि फिल्म में ब्राह्मणों की नकारात्मक छवि पेश की गई है, जिसके कारण विवाद ने तूल पकड़ा। इस पर विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक समूहों ने आपत्ति जताई और इसके खिलाफ आवाज उठाई। आइए एक नज़र डालते है पूरी खबर पर।

Anurag Kashyap: सेंसर बोर्ड ने फिल्म से इन हिस्सो को हटाने का दिया निर्देश

सेंसर बोर्ड (CBFC) ने फिल्म के कुछ हिस्सों में बदलाव की सिफारिश की, जिसमें ‘महार’, ‘मांग’, ‘पेशवाई’ और ‘मनु का जाति व्यवस्था’ जैसे शब्दों को हटाने की मांग की गई। सेंसर बोर्ड की इस कार्रवाई के कारण फिल्म की रिलीज़ को 11 अप्रैल से बढ़ाकर 25 अप्रैल कर दिया गया। फिल्म निर्माताओं और समर्थकों ने इसे सेंसरशिप की बेजा और अत्यधिक कार्रवाई करार दिया, जो फिल्म की स्वतंत्रता और विचार की अभिव्यक्ति पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।

जाने क्या कहा अनुराग कश्यप ने

अब इस पूरे विवाद पर निर्देशक Anurag Kashyap ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अगर भारत में जातिवाद नहीं है, जैसा कि कुछ लोग दावा करते हैं, तो फिर समाज सुधारक जैसे ज्योतिराव फुले की आवश्यकता क्यों पड़ी? इसके अलावा, कश्यप ने यह भी सवाल उठाया कि सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्मों को रिलीज़ से पहले कैसे देखा जाता है और इसे ‘पूरी व्यवस्था की धांधली’ बताया। ‘फुले’ फिल्म पर यह विवाद भारत में जातिवाद और सेंसरशिप जैसे संवेदनशील मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देता है, और यह दिखाता है कि इन मुद्दों पर समाज में खुली चर्चा और विचार-विमर्श की आवश्यकता है।

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