UP Politics Update: बिहार चुनाव परिणाम पर टिकी पूर्वांचल की निगाहें, तय होगा उत्तर प्रदेश का सियासी Future

top-news

UP Politics Update: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) का असर अब सिर्फ सीमित राज्य की राजनीति तक नहीं रहेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश, खासकर पूर्वांचल (Purvanchal) की सियासी दिशा तय करेगा। दरअसल, बिहार और पूर्वांचल के बीच सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक संबंध गहरे हैं। करीब 10 जिलों में “रोटी-बेटी” का नाता जुड़ा है, वहीं हजारों मजदूर जो यूपी में कार्यरत हैं, वोट डालने के लिए बिहार लौट रहे हैं। पहले चरण में 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों पर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण में नीतीश सरकार के 16 मंत्री मैदान में हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार के नतीजे न केवल पूर्वांचल बल्कि पूरे यूपी की Political Strategy को प्रभावित करेंगे। उत्तर प्रदेश के करीब 20 विधानसभा क्षेत्र बिहार से सटे हैं. जिनमें गोपालगंज, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, सीवान और सारण प्रमुख हैं। वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र के अनुसार, “यह चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक तापमान बढ़ा रहा है। यदि NDA (National Democratic Alliance) जीतती है तो यूपी में भाजपा के लिए माहौल मजबूत होगा, वहीं अगर हार होती है तो विपक्षी दलों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास पैदा होगा।”


पूर्वांचल की राजनीतिक अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर इलाका है। भाजपा के नेता सुभाष कुशवाहा का मानना है कि पूर्वांचल का विकास बिहार में पार्टी की सत्ता वापसी की कुंजी बनेगा। वहीं समाजवादी चिंतक डॉ. मणेंद्र मिश्र का कहना है कि “बिहार के नतीजे Uttar Pradesh Politics की नई दिशा तय करेंगे।” उन्होंने कहा कि बिहार और यूपी की सीमाओं के पार रहने वाले लोग अब बदलाव की बयार महसूस कर रहे हैं. जो आने वाले चुनावों में decisive factor साबित हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *